शिव शक्ति मिलाप
शिव शक्ति मिलाप
आज शिव पार्वती के विवाह का दिन हम मना रहे हैं उसी पर मेरी यह रचना है ..
*शिव शक्ति मिलाप*
शिव ने पार्वती से शादी रचाई,
दुनिया की सबसे सुंदर जोड़ी बनाई।
अपनी शादी को बड़े प्रेम से सजाया
उम्र भर उसे है निभाया।
पाया न किसी ने पार।
प्रभु की लीला अपरम्पार,
श्रृंगार अनोखा सजाया,
जटाओं में गंगा को समाया।
गले में मुंड माला डाल,
भस्म देह लगाया है।
शक्ति को वाम अंग बिठा,
गठबंधन खूब बनाया है।
पाया न किसी ने पार,
प्रभु की लीला अपरम्पार...
हुआ जब सागर मंथन,
शिव ने जहर किया धारण।
कभी क्रोध में तांडव किया,
कभी भक्ति से निहाल किया।
ऐसे शिव शक्ति स्वरूप,
त्रिलोकनाथ कहलाये हैं।
पाया न किसी ने पार,
प्रभु की लीला अपरम्पार...
तप किए शक्ति ने कितने,
तब मिले शिव जीवन में।
कैसी अद्भुत लीलाएं रचाये हैं,
प्रभु अर्धनारीश्वर कहलाये हैं।
ऐसे शिव शक्ति स्वरूप,
गणेश कार्तिकेय हुए पुत्र।
पाया न किसी ने पार,
प्रभु की लीला अपरम्पार...
शिव गौरा का प्यार बड़ा मोहक,
दोनों के जन्मों जन्मों तक चाहक
जोड़ी देख हर भक्त का मन हर्षाया
शिव गौरी के त्याग-तपस्या का रूप दिखाया।
अद्भुत तेरी ये रचना है,
न आदि न अंत यहां है।
पाया न किसी ने पार,
प्रभु की लीला अपरम्पार...
