STORYMIRROR

MAHENDRA CHAWDA

Classics

4  

MAHENDRA CHAWDA

Classics

वो इंसान ही क्या.....

वो इंसान ही क्या.....

1 min
360

वो इंसान ही क्या, 

 जो दूसरों का दुःख ना समझे।


वो इंसान ही क्या, 

  जो दूसरों का दर्द ना समझे।


वो इंसान ही क्या, 

जो दूसरों के जज़्बात ना समझे।


वो इंसान ही क्या, 

जो खुद में ही सदा मदमस्त रहे।


इंसान तो वो है, 

जो सदा ही दूसरों का भला सोचे ...।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics