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Nisha Bharmal

Classics Inspirational Others

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Nisha Bharmal

Classics Inspirational Others

आज रुक जाते है

आज रुक जाते है

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रुको जरा सुनो 

कहा चल दिये 

इतनी भी क्या जल्दी तुम्हे

आओ जरा गुफ्तगू करे 


इस दुनिया मैं आने से पहले

और अब इस पल तक 

बस दौड़े जा रहे हो

आज थोड़ा रूक जाते हैं 


रोज सुबह 6 बजे उठ जाते हैं

आज 10 मिनटऔर सो जाते हैं 

चलो आज थोडी देर 

हम ठहर जाते है


आज बारिश को 

खुले हाथों से अपनाते हैं 

बरसात के साथ साथ

सारी परेशानियों को बहा देते है 

चलो आज थोडा और जीते है 


चाय की प्याली क़ो 

सुर के पीते है 

हर एक घुट को अपनों के साथ 

बड़ी ताव से पीते है 

चलो आज अपनों के लिए जीते है 


ऐसे हसीन मॉन्सून मैं 

उन दोस्तोंसे बातें करते हैं 

दिल के पास जो हमेशा थे

बस कुछ दूर से हो गए 

खट्टी मिठी यादे वो 

चलो आज फिरसे जी जाते है 


अब इतना सब कर चुके

तो अपने लिएभी ठहर जाओ 

पुरानी अपने सपनों को 

आज फिर थोड़ा सहलाते है 

दुनिया की इस भागदौड मैं

चलो कभी अपने लिये भी जीते हैं।


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