इतना बड़ा इल्ज़ाम वल्लाह
इतना बड़ा इल्ज़ाम वल्लाह
क्या हुआ गर दामन सरकते ही
दीदार-ए-यार हो गया
छोटे से कसूर पर
इतना बड़ा इल्ज़ाम वल्लाह ?
छिछोरी नहीं नज़रें नाचीज़ की
खता होना लाज़मी है!
आईने से मुख़ातिब होते
कमबख़्त अपनी अदाओं को
गौर से देखो
शान-ए-जलवों पर इतराते
खुद ही खुद की तारीफ़ में
मुँह से आह..न उठे तो कहना।