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LALIT MOHAN DASH

Abstract Classics Inspirational

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LALIT MOHAN DASH

Abstract Classics Inspirational

प्यार कभी टूटता नहीं

प्यार कभी टूटता नहीं

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कभी कभी अकेलापन

बहुत अच्छा लगता है

बिलकुल लगता नहीं होता 

कि हम अकेले हैं 


वल्कि लगता है कोई जैसे 

मेरे साथ साथ रहती है 

एक पल केलिए भी जुदा नहीं होती


वो इतना नजदीक होती कि

मेरी साया से उसकी साया

टकराती है बार बार , लगातार

फिर दोनों मिल कर एक हो जाते हैं

और वो 

कदम पर कदम मिलाते हुए

मेरे साथ साथ चलती रहती है


हालांकि मैं उसे देख सकता नहीं

पर उसकी खुशबू से महकने

बहकने लगता है मन मेरे 


और उसकी सांस

 मेरी सांस की साथ मिल कर

 ये गीत गाने लगती है

जिंदगी प्यार की गीत है

जिसे हर दिल को गाना पड़ेगा


और कभी कभी उसके साथ

होते हुए भी 

मुझे ऐसा लगता है

जैसे मैं अकेला हूं और

ये अकेलापन मुझे सताने लगता है


ये कैसा अजीब अहसास है

मिलन में अकेलापन और 

अकेलापन में मिलन की आनंद


मुझे तो ऐसा लगता है

ये प्यार में मिलन और 

बिरह का अर्थ कुछ नहीं होता

वो तो हमेशा मिलन ही होता है


फिर मन और प्राण में 

गर प्रेमी को

एकसाथ दोनों के 

अहसास होने लगा तो

समझ लेना चाहिए 

ये प्यार कभी टूटेगा नहीं

जबतक है जान ...

गर हो सके तो उसके वाद भी ......


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