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Epsita Deb

Romance Classics Inspirational

4  

Epsita Deb

Romance Classics Inspirational

उम्मीद

उम्मीद

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तुम्हारा चिठ्ठी मिलते ही

 नये उम्मीद से देर रात जागा था,

 चिठ्ठि लेकर चुपचाप बालकनी में आ गया,

 आपको एक झलक देखूंगा !


 सभी बाधाओं के पार चुपके

 तुम उस रात आए,

 मेरी एक झलक के इंतजार में

 आप बगीचे के एक कोने में खड़े थे -

आपको एक झलक देखने के उम्मीद थी

 तभी एक मुड़ा-तुड़ा कागज आया मेरे चरणों में,

 अचानक पेड़ के पीछे से आप आये।।


 आया है युद्ध का आह्वान, जाना ही होगा !!

 वापस आने पर बता देंगे।

 समुद्र तट पर मिलते हैं

 बहुत समय बीत चुका है;

 आपको कोई संदेश नहीं मिला है।


 मैं हर दिन इस समुद्र तट पर 

आपकी प्रतीक्षा करने आता हूं---

 बहुत दिनों के बाद कल शाम को आपका संदेश मिला

 मैं आज सुबह समुद्र में दौड़ता हुआ आया।


 यह समुद्र हमारे सुख-दुख का साक्षी है।

 उसने सिर्फ आपकी बात सुनी ना कहना !!

 कभी ना विचरने के उम्मीद थी आँखों में

आज सुबह की पहली किरण से उम्मीद थी

आपसे मिलने के चाहत पुरी हुई

आपके मुस्कुराता चेहरा देखकर--

आपके स्पर्श से मेरा अशांत हृदय शांत हो जाता है,

बीते हुये कल को भुला कर

नये उम्मीद से हम मिले।।


ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
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