STORYMIRROR

Epsita Deb

Abstract Romance Inspirational

4  

Epsita Deb

Abstract Romance Inspirational

प्रतिक्षा

प्रतिक्षा

1 min
372

जिस दिन तुम चले गए, मुझे मत बताये।

मन की बातें तब से अनकही रह गईं--

सो मैं सब कुछ छोड़कर उस दूर देश में चला गया


मैंने खुद से वादा किया था कि सफल होने पर ही

मैं आपके दरवाजे पर जाऊंगा।


मैंने तुम्हारे बारे में हज़ारों कविताएँ लिखीं

मैंने अनकहे शब्दों को लिखके 

तुम्हें हर पल याद किया


क्या तुमको पुराने दिन याद हैं ?

जन्म जन्म रहूँगा तुम्हारे साथ,

हार जन्म मे मिलेंगे हम।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract