चिकित्सा
चिकित्सा
क्षय होता जब जीवन का
मानव मारा-मारा फिरता है
छोड़कर हाथ सभी का
चिकित्सा पर निर्भर करता है
चिकित्सक का फिर काम आया
मानव को आराम दिलाया
अब पूर्ण रुप से मानव संतुष्ट हो पाया
कि उसको सुख चिकित्सक ने दिलाया
तब वह उसका महत्त्व समझ पाया
उसने फिर चिकित्सक को
आदरणीय बनाया
यहीं विडम्बना यहाँ बन आई
कि मानव की प्राथमिकता
चिकित्सा क्यों न बन पाई
अब मानव प्रतिहार बना
और चिकित्सा को
सम्मान मिला॥