ऋतुराज ने पहना पीतांबर
ऋतुराज ने पहना पीतांबर
आया ऋतुराज उन्मत्त पहनकर पीतांबर
मदमस्त मलय के स्पर्श से प्रकृति गई सिहर !
लाया अपने साथ सतरंगी फागुन की तरुणाई
सबके हृदय में उमंग उल्लास और मस्ती समाई !
सब और हरियाली छाई सबके मन को भाई
पीले से फूलों की मृदु मनमोहक खुशबू छाई !
हर तरफ गूंज उठी कोयल की सुरीली मधुर तान
बसंत के आगमन से हर्षित हुआ हर हृदय सुजान !
