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Kawaljeet Gill

Abstract Classics Inspirational

4.5  

Kawaljeet Gill

Abstract Classics Inspirational

अब क्या विकल्प है.....

अब क्या विकल्प है.....

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कभी हान कभी ना बस यह ही सोचते सोचते,

हमने तुमने गुजार दी अपनी जिंदगी,

विकल्प तो बहुत से थे हमारे तुमारे दोनों के सामने,

मगर फैसला लेते लेते वक्त इतना गुजार दिया,


कभी कभी तुमको हमपर और हमको तुमपर,

 गुस्सा आता है और दोष फिर एक दूजे को देते है,

माना कि मजबूरियों से भरी है जिंदगी हम दोनों की,

पर मज़बूरिओ के बीच भी तो कई विकल्प थे हमारे पास,


प्यार तो तुमने भी कर लिया प्यार हमने भी कर लिया,

न थे तुम अठरह के ना थी मैं सोलह की फिर क्यों ऐसा हुआ,

पास पास रहकर भी हम दूर क्यों और किसलिए हो गए,

कभी सोचेंगे फुर्सत में जो दोनों बैठकर तो एहसास होगा,


ज़िन्दगी के सफर में फासले आने ही नही देने चाहिए,

की फैसला लेने में बरसों बरसो का बनवास आ जाये दरमियाँ 

कोई ना कोई विकल्प चुनकर जिंदगी को संवार लेना चाहिए,

जिंदगी है ये जिंदगी है बार बार मौका नही देगी चौका मारने का।


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