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Abhay kumar Singh

Romance Classics Inspirational

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Abhay kumar Singh

Romance Classics Inspirational

तुझसे प्यार करता था तुझसे प्यार करता रहूंगा.

तुझसे प्यार करता था तुझसे प्यार करता रहूंगा.

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तेरा हद़ तक़ मुस्कुराना 

कभी- कभार गले से लगाना, 


तेरे बगैर अब जीना मरना 

तेरे बगैर हैं मुझको रहना, 


सारी मोहब्बत लौटा दूंगा

जाते-जाते मैं तेरा नाम लूंगा,


तू मेरी धड़कन थी

मैं सिर्फ इतना कहूंगा,


तुझसे प्यार करता था

तुझसे प्यार करता रहूंगा


तेरा असर आज भी हैं दिल में

तुझसे ये मेरा रबता रहेगा, 


ख्यालों में जो तुम सज के पड़ी हो, 

तुझमें मुहब्बत ये जिंदा रहेगा



तुम तो कहीं पर सहर हो चली हो 

खलिश जो उठा हैं दबा कर रखूंगा



तू मेरी धड़कन थी

मैं सिर्फ इतना कहूंगा,


तुझसे प्यार करता था

तुझसे प्यार करता रहूंगा....!


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