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Abhay kumar Singh

Romance

3  

Abhay kumar Singh

Romance

मेरी चांद बन जाती

मेरी चांद बन जाती

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तेरे बगैर मेरा होना

खाली पड़ा है दिल का कोना,

सूनी गलियां, सूनी सड़कें

दिल ये मेरा जोड़ो धड़के..

आंहें भी अब रूक गई हैं

क्या बताऊँ थक गई हैं

जिंदगी में आके मेरी

चांद बन जाती.. 

राब्ता यह तेरा मेरा

सूरज पूछे हर सवेरा

थोड़ा इन्तजार कर जाती

जीने का सहारा बन जाती

तू मेरा नज़ारा बन जाती।



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