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Abhay kumar Singh

Romance

4  

Abhay kumar Singh

Romance

तेरे इश्क में

तेरे इश्क में

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कुछ बात है जज्बात है, 

रश्क है कुछ रात है

कुछ अश्क है मुलाकात का 

उसे राज रहने दिया जाए

तेरे इश्क में मेरे दिल को बर्बाद रहने दिया जाए 


कुछ जख्म है तेरी बात का 

कुछ रस्म है कुछ शिकवा है,

उन सबको दर्द बन आबाद रहने दिया जाए, 

तेरे इश्क में मेरे दिल को बर्बाद रहने दिया जाए


हम मिले नहीं कुछ रात मगर 

तुम सहना, उससे मत कहना 

वह जीती है मेरी नजरों में 

उसे स्वप्न बन जीने दिया जाए

तेरे इश्क में मेरे दिल को बर्बाद होने दिया जाए।


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