प्यार का इजहार
प्यार का इजहार
होठ है खामोश मगर,
आंखें बयां करती है,
बातें लबों पे आते आते,
रुक सी जाती हैं,
धड़कनें दिल की तेज,
हो जाती है
जब आप सामने,
आते हैं,
कुछ शब्द नहीं,
तुम्हारे पास,
खामोश में भी हूँ,
है प्यार आप को भी,
ओर हम को भी,
पर शर्म से आंखें,
झूक सी जाती हैं,
नजरें मिलती है,
आप की ओर,
हमारी भी,
तन्हा है आप भी,
ओर हम भी,
मन में उमंग भरे,
चाहतों की अंगड़ाइयां,
लिए आज फिर एक,
सुबह हुई।
आज मिले फिर,
हम ईस कदर,
नैनौ से मिले नैना,
इस कदर,
बस तुम से,
देखा करती हु।
हे ये अनोखा
रिश्ता हमारा,
हे ये अनोखा,
बंधन
चलो आज ये,
दुरियां मिटा दे,
ओर बंध जाएं,
एक बंधन में हम।