वक्त
वक्त
मैं घड़ी सी रुकी रही
तू वक्त सा चला गया
जिसके लिए मैने सब छोड़ा
वो ही मुझे मझधार में छोड़ गया
जिसके लिए टूटते तारे को देख कर आंख बंद करी थी
वहीं आज मुझे देख कर नज़रें फेर गया।
मैं घड़ी सी रुकी रही
तू वक्त सा चला गया
जिसके लिए मैने सब छोड़ा
वो ही मुझे मझधार में छोड़ गया
जिसके लिए टूटते तारे को देख कर आंख बंद करी थी
वहीं आज मुझे देख कर नज़रें फेर गया।