“ प्यार की आरज़ू ”
“ प्यार की आरज़ू ”
प्यार तेरा मेरा कुछ अलग सा है,
उसमें कुछ अलग सा नूर हैं,
प्यार की आरज़ू हैं हसीन सी,
प्यार तूज से ए कुछ खास़ सा,
और बरकरार हैं ए प्यार हमारा,
ऐसे ही जूड़े रहेगे तुम और हम ,
और प्यार ही प्यार छाया हैं यहाँ,
और तू भी खुश में भी खुश ,
यूँ ही बरकरार हैं ए रिश्ता हमारा,
यूँ ही साथ से हैं हम हरपल ,
यूं ही करीब से हैं हम हरपल,
यूँ ही प्यार की वज़ह हैं हम,
और प्यार की एक आश भी,
तेरी ही तमन्ना सी रहती हैं,
तू ही तू हैं हरपल साथ सा,
जिंदगी में जरूरी भी तू ही रे,
तेरे बिना ना जीया जाए रे अब।

