STORYMIRROR

3047_Lipsa Dabhi- CE

Romance

3  

3047_Lipsa Dabhi- CE

Romance

“ आश्चर्य की यात्रा ”

“ आश्चर्य की यात्रा ”

1 min
210


तुझ से मिलना आश्चर्य सा था,

मिले तुम अचानक से हमें,

और वो पल भी क्या खास़ था,

लम्हा क्या खुशनुमा सा था,

तुझ से मिलना तकदीर थी मेरी,

हमारी दास्तान कुछ अलग सी थी,

तुम कुछ अमूल्य से थे मेरे लिए,

आज भी खास ही हो पहले जितने ही,

तुम्हारा वो तोहफा याद है

वो भूल ना पाऊंगी मैं जीवन भर,

तुझ ही मेरा किमती तोहफा सा,

तू ही एक इबादत सा हैं ,

तू ही करीब और तु ही अनमोल,

तू ही अमूल्य रत्न समान है ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance