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3047_Lipsa Dabhi- CE

Abstract Inspirational

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3047_Lipsa Dabhi- CE

Abstract Inspirational

मेरे लिए लेखन

मेरे लिए लेखन

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लेखन की रूची हैं कुछ अनकही सी,

जिसमें खोई हूं में पूरी तरह से,

नहीं पसंद उसके सीवा और कुछ,

ला दे हजार रंग मुझे कोई,


फिर भी एक रंग कलम का ही पसंद हैं,

मेरी रग-रग में गुम से रहे हैं,

यहां कविता, शायरी और कहानियां,

उसको ना दूर कर पाई में कुछ भी कर कै,

हर पल मुझ में बसेरा कर गया देखन ए मेरा,


एक पसंदीदा बन गया ए लेखन मेरा,

पल भर में बहुत सी कविताएँ लिख लेती हूं,

ए हुन्नर भी मुझे लेखन से ही मिला,

लेखन हैं हर किसी के लिए जरूरी,

पढ़ाई - लिखाई बिना हैं अधूरा,

यहां इंसान हर कोई,


पढ़ो और आगे बढो सभी,

साथ लेखन कलते रहो,

लेखन की रूची हैं मुझे विविध,

उसमें ही मग्न हूं में आजकल,

लेखन के साथ ही मस्त हूं मैं


छोड़ी हैं सब दुनियादारी,

अब सिफ्र लेखन से हैं प्यार मुझे,

लिखना- लिखाना जैसे एक शोक सा रहा,

हर पल उसे ही याद सा करना रहा,

लेखन ही एक सहारा मेरा।


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