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kuldeep Singh

Romance

4.1  

kuldeep Singh

Romance

पागल जैसी इक लड़की..!

पागल जैसी इक लड़की..!

1 min
486


फूलो के जैसी नाजुक है मखमल जैसी इक लड़की 

हरदम दिल पे दस्तक देती पागल जैसी इक लड़की..!


चंदा के जैसी चमकीली, 

परियों जैसी लगती है..

जैसा ख्वाबों में देखा था,

बिल्कुल वैसी लगती है..


खुशबू से लिपटी रहती है संदल जैसी इक लड़की 

हरदम दिल पे दस्तक देती पागल जैसी इक लड़की..!


हिरणी जैसी आंखे उसकी,

कोयल जैसा गाती है..

पतझड़ मे सावन आ जाये,

जब भी वो मुस्काती है..


पापा की थपकी मम्मी के आँचल जैसी इक लड़की 

हरदम दिल पे दस्तक देती पागल जैसी इक लड़की..!


मैं हँसता हूँ तो हँसती है, 

मेरे संग ही रोती है..

जीवन की खाली बगिया मे,

फूल खुशी के बोती है..


मुझपे अक्सर छाई रहती बादल जैसी इक लड़की 

हरदम दिल पे दस्तक देती पागल जैसी इक लड़की..!


मेरे मन के पूजाघर मे,

वो पूजा की थाली है.. 

होली के रंगो जैसी वो,

उससे ही दीवाली है..


तुलसी अक्षत रोली चंदन काजल जैसी इक लड़की 

हरदम दिल पे दस्तक देती पागल जैसी इक लड़की..!



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