52 weeks writing challenge 4
52 weeks writing challenge 4
यै जाने जां
न शरमाओ तुम
आज की चाांदनी रात मेें
चांद भी कैसा खुश है
संग चाांदनी के प्यार में
अठखेलियां कर रहें हैं
दोनों रजतांबर मेंं
कैसा अविराम
दौड रहा है चांद
पीछे चांदनी के निसार मेें
कभी चांद बादलों की ओट मेें
कभी चांदनी बादलों की ओट में
लुुुक छिप हर्षित हो रहे हैं
एक दूजे के दीदार मेें
तुम आज न शरमाओ
ऐसी हंसी बहार में
आ जाओ तुम बांंहों मेें
अठखेलियां करो प्रेम बंधन में
मधम मधम चल चांंद चांदनी
भध्य आकाश पर पहुंच गए हैं
हौले हौले चल रही है
चांदनी संंग चांंद के
तुम भी मेरी चांदनी हो
सुरभित फूलों सी
जीवन रुपी अम्बर में
यै जाने जां
न शरमाओ तुम
आज की चांदनी
रात में .....

