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Soniya Jadhav

Romance

4  

Soniya Jadhav

Romance

केंद्र बिंदु

केंद्र बिंदु

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 तुम पास हो या ना हो,

 पर साथ हो, इतना काफी है 

मन को सुकून देने के लिए।


मुझे देखो, ना देखो पल भर के लिए

चाहे खोए रहो तुम कितना ही,

अपनी उलझनों में, उम्र भर के लिए।


तुम घर में हो, इतना ही काफी है

मेरा खुद को महफ़ूज, समझने के लिए।

नाराज रहो, तुम जितना भी

चाहे लड़ो, मुझसे कितना भी

आदत कहो या प्यार

यह मान लो तुम,

मुझे चाहिए हो, तुम सदा के लिए।


इतना लंबा सफर, यूँ ही तय नहीं किया

कुछ तो होगा मुझ में जो खींचे चले आए होंगे तुम

कुछ तो होगा तुम में कि सब छोड़ चली आई होंगी मैं 

सोचो, मेरे पास क्या है

सिर्फ तुम्हारे सिवा


तुम ही तो हो केन्द्र बिंदु, मेरी जिंदगी का।

अपेक्षा नहीं तुमसे सोने और चांदी की 

बस समझ लेना तुम मुझे उन पलों में

जब कोई और मुझे समझेगा नहीं।

साथ देना मेरा उन पलों में में,

जब कोई साथ साथ देगा नहीं

तुम पास हो या ना हो,


पर साथ हो, इतना काफी है 

मन को सुकून देने के लिए।


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