प्यार
प्यार
एक हसरत थी एक अच्छा हमराह मिल जाए,
जिसे देखते ही एक नज़र में प्यार हो जाये,
कोई और नही था जिसे मैं ढूढ़ रहा था,
वो तुम ही थी जिसका सदियों से मुझे इंतज़ार था।
इस सच्चे प्यार पर कुर्बान हो जाऊँ,
तुम्हारे चेहरे की मुस्कान बन जाऊँ,
तुम्हे अपना सच्चा साथी बना पाऊँ,
तुमसे अपने दिल की हर बात कह पाऊँ।
मैं तुम्हारी आँखों को रोज पढ़ता रहा,
तुम्हारी आँखों में अपने चेहरे को देखता रहा,
तुम्हारी हर खुशी में अपनी खुशी देखता रहा,
एक अजब सा प्यार तुम्हारी हर नज़र में देखता रहा।
तुम एक हीरा सा मेरे दिल मे चमकने लगी हो,
मेरी हर बात को तुम समझने लगी हो,
एक कसक सी है तुम्हे अपने दिल मे छुपाने की,
अब तो साँसे भी मुझे हर पल ताना देने लगी है।
तुम्हारे इश्क़ में फ़ना हो जाऊँ,
तुम्हे अपने दिल मे छुपा पाऊँ,
कभी टूटे न ये बंधन दो जिस्मों का,
तुम्हे बिना हिचक अपना बना पाऊँ।
तुम्हे हर जरूरत पर सिर्फ मैं याद आऊँ,
तुम्हारी हर जरूरत मैं खुद बन जाऊँ,
कभी चाह कर भी मुँह न मोड़ सको मुझसे,
ऐसा मै तुम्हारा तलबगार बन जाऊँ।