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Praveen Gola

Romance

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Praveen Gola

Romance

तेरी दोस्ती पर

तेरी दोस्ती पर

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मैंने मूँद पलक कितनी बार सोचा,

तेरी दोस्ती पर मुझे कितना भरोसा,

हर बार तेरी दोस्ती जीत जाती,

और मेरी हार का जश्न मनाती।


तू है एक सच्ची दोस्ती की मिसाल,

वाह रे वाह .... तू कमाल है कमाल,

तेरी हर बात पर मुझे इतना ऐतबार,

तू अगर जान भी माँगे तो मैं तैयार।


वो दोस्त ही क्या जो दगा दे कर भागे ?

दोस्त है वही जो दिन - रात साथ जागे,

हमारी दोस्ती में हम दोनो जले,

तभी तो प्यार के नए सपने पले।


जब भी दोस्ती का चढ़ता खुमार,

हर दोस्त दूसरे को देता प्यार,

पर वो प्यार कितना दूर जाता,

यही नाप तो असल दोस्ती बताता।


मैंने मूँद पलक कितनी बार सोचा,

तेरी दोस्ती पर मुझे कितना भरोसा,

सिर्फ सच्ची दोस्ती की हो अगर बात,

तो मैं बिता दूँगी तेरे संग सारी रात।।


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