मैं नारी हूँ मैं ममता हूँ,
मैं नारी हूँ मैं ममता हूँ,


मैं नारी हूँ मैं ममता हूँ,
मैं जननी और जरूरत हूँ,
मेरे से ही जग शुरू हुआ
मैं वंशज की हुकूमत हूँ,
मैं बेटी हूँ मैं बहन हूँ
मैं पत्नी और जरूरत हूँ,
मैं आशा पूरी कर दूँ इनकी
माँ रूपी एक पूरक हूँ,
हर रंग, अदा, खुशबू हैं मुझमें
इबादत, वफ़ा, मुहब्बत मुझमें
पानी, मिट्टी, हवा हूँ मैं,
हर घर की मुरत दवा हूँ मैं,
हर घर की प्रज्वलित ज्योति हूँ ,
मैं नारी हूँ मैं ममता हूँ
मैं जननी और जरूरत हूँ....
मैं भाईं की कलाई में बन्धी बन्धन हूँ,
मैं सुहाग की कंगन हूँ,
मैं पति की स्वप्न सजावट हूँ,
मांग में सिन्दूर गले में मंगलसूत्र,
मैं दिव्य चमक अभिलाषा हूँ,
मैं माँ हूँ और परिभाषा हूँ,
हर उलझन की सुलझी गाथा हूँ,
मेरे से ही जग शुरू हुआ,
मैं चांदनी चमक और आशा हूँ,
मैं नारी हूँ मैं ममता हूँ,
मैं जननी और जरूरत हूँ...