गुरु ने हमें सजाया है
गुरु ने हमें सजाया है
हम तो भूले भटके बंजारा से
आए हैं, पथ पर लाया तूने
भूले बिसरे गीत सुनाकर
कली को फूल बनाया तूने
पत्थर थे कल तब ठुकराए जाते थे
पत्थर को भी अपने इल्म से संगमरमर बनाया तूने
हम तो भूले भटके बंजारा से
आए हैं, पथ पर लाया तूने ।।
जीवन का ख़म अब खत्म हो गया
दुखद क्षण था, दफन हो गया
चंद्र चमक करूणा हमारे
मौलिक बन सजाया तुने
हम तो भूले भटके बंजारा से
आए हैं, पथ पर लाया तूने
भूले बिसरे गीत सुनाकर
कली को फूल बनाया तूने !