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Anjali Singh

Abstract Romance

4.5  

Anjali Singh

Abstract Romance

धड़कन

धड़कन

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धड़कन तो है इस दिल में

फिर भी ये कभी कभी धड़कता ही नहीं


बागों की क्यारी में देखो बीच फुलवारी में

फूल तो है मगर फूल महकते ही नहीं


धड़कन तो है इस दिल में

फिर भी ये कभी कभी धड़कता ही नहीं


कुछ दिन गुजारे मैने बिन तेरी यारी के

सांसे तो है मगर लगता है ऐसे जैसे चलती ही नहीं


धड़कन तो है इस दिल में

फिर भी ये कभी कभी धड़कता ही नहीं।


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