बेरुखी
बेरुखी
लफ्जों की बेरुखी तो ज़रा देखो
तुझे देख कर ये मिटने लगे हैं
मुझमें ही देखो कैसे सिमटने लगे हैं।
लफ्जों की बेरुखी तो ज़रा देखो
तुझे देख कर ये मिटने लगे हैं
मुझमें ही देखो कैसे सिमटने लगे हैं।