STORYMIRROR

Anjali Singh

Abstract

4.0  

Anjali Singh

Abstract

दोस्त

दोस्त

1 min
68


दोस्त ना हो तो चेहरे पर

बेवजह मुस्कान नहीं आती


चाय की दुकान पर फिर

यारों की भीड़ न जमा होती।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract