Anjali Singh
Abstract
दोस्त ना हो तो चेहरे पर
बेवजह मुस्कान नहीं आती
चाय की दुकान पर फिर
यारों की भीड़ न जमा होती।
खेलें होली
हम तो तेरे
बसंत ऋतु का आ...
हर हर महादेव
बेरुखी
सामान्य
मेरे लिए
हमरा सैय्या
डरावना
दोस्त
इस ज़िन्दगी का भी बहुत बड़ा है दिल, कभी देती है खुशियाँ, तो कभी देती है मुश्किल। इस ज़िन्दगी का भी बहुत बड़ा है दिल, कभी देती है खुशियाँ, तो कभी देती है मुश्...
जहर भरे शब्दों के जब चलते तीर, बनता एक घायल चाणक्य महान, जहर भरे शब्दों के जब चलते तीर, बनता एक घायल चाणक्य महान,
कर्मनिष्ठा और निरंतर प्रयास से उच्च शिखर पर बढ़ती रहो! कर्मनिष्ठा और निरंतर प्रयास से उच्च शिखर पर बढ़ती रहो!
गति निरंतर भीगा अंतर फिर फिर पीड़ा फिर फिर अश्रु फिर फिर मौन। गति निरंतर भीगा अंतर फिर फिर पीड़ा फिर फिर अश्रु फिर फिर मौन।
वैसे घर में चारपाई हूँ, बस दोहित की जाती हूँ, मैं एक नारी हूँ... वैसे घर में चारपाई हूँ, बस दोहित की जाती हूँ, मैं एक नारी हूँ...
मेरे मन को समझे है, जुबां से बोला ना कुछ, ये निगोडी पायल ...! मेरे मन को समझे है, जुबां से बोला ना कुछ, ये निगोडी पायल ...!
पत्ता पत्ता लहक रहा है पीले पीले फूलों का रंग, चारों ओर फैल रहा है! पत्ता पत्ता लहक रहा है पीले पीले फूलों का रंग, चारों ओर फैल रहा है!
मोम का बना है दिल मेरा लाख चाह कर भी दिल पत्थर का नहीं कर पाती हूँ। मोम का बना है दिल मेरा लाख चाह कर भी दिल पत्थर का नहीं कर पाती हूँ।
क्या इतनी शक्ति रहेगी तन में. जोश में ला दूं सारा संसार। क्या इतनी शक्ति रहेगी तन में. जोश में ला दूं सारा संसार।
कल जिसकी मुझे चाह थी आज वो मेरे पास है पर आज नहीं इसकी प्यास है! कल जिसकी मुझे चाह थी आज वो मेरे पास है पर आज नहीं इसकी प्यास है!
होता सभी के पास है.. दिमाग वही जो वकत पे काम आए! होता सभी के पास है.. दिमाग वही जो वकत पे काम आए!
होगा अपना भी मिलन फिर तुम उदास क्यों हो? देख कर तुम्हारी व्यथा मन में उठती कसक है वो। होगा अपना भी मिलन फिर तुम उदास क्यों हो? देख कर तुम्हारी व्यथा मन में उठती कस...
पूछना है मुझे अपनी शख्सियत से, कि मैं वही हूं या कुछ बदल गया हूं, पूछना है मुझे अपनी शख्सियत से, कि मैं वही हूं या कुछ बदल गया हूं,
ये करोना का भूत कब जाएगा हमारे देश से ये करोना का भूत कब जाएगा हमारे देश से
प्रेम भक्ति का आधार है और मोह से भय का संचार है प्रेम भक्ति का आधार है और मोह से भय का संचार है
उदासी की सीलन भरी है, उस पर एक फोटो भी टंगा है, उदासी की सीलन भरी है, उस पर एक फोटो भी टंगा है,
ऐ चांद, आज तनिक ठहर जाओ, अमृत कला से सजी है धरा! ऐ चांद, आज तनिक ठहर जाओ, अमृत कला से सजी है धरा!
तू ही सच्चा पिता है हमारा तू ही सच्चा पिता है हमारा
पवन ऐसी बहे मेरे द्वार,लेकर आये खुशियाँ आपार। पवन ऐसी बहे मेरे द्वार,लेकर आये खुशियाँ आपार।
तुम जहाँ भी रहो, मुस्कुराती रहो ,जीवन में खुशियों का आगमन ! तुम जहाँ भी रहो, मुस्कुराती रहो ,जीवन में खुशियों का आगमन !