Anjali Singh
Abstract
बसंत ऋतु का आगमन
नए फूल के खिलने का संदेश देता है
और शीतकाल के समाप्त होने का संकेत देता है।
खेलें होली
हम तो तेरे
बसंत ऋतु का आ...
हर हर महादेव
बेरुखी
सामान्य
मेरे लिए
हमरा सैय्या
डरावना
दोस्त
जिंदगी में कमी, नाकामी का भाव सदा के लिए मिट जायेगा। जिंदगी में कमी, नाकामी का भाव सदा के लिए मिट जायेगा।
बेटियाँ होतीं हैं स्वाति की पवित्र बूंदों सी. बेटियाँ होतीं हैं स्वाति की पवित्र बूंदों सी.
अर्जुन का मोह मिटाकर, विराट दर्शन तुमने करवाया।। अर्जुन का मोह मिटाकर, विराट दर्शन तुमने करवाया।।
कुछ दिनो से बाहर निकलने से नये नये नाम मिलने लगे हैं। कुछ दिनो से बाहर निकलने से नये नये नाम मिलने लगे हैं।
दोनों को सारी उम्र एक दूजे के बिना, जीना हैं...! दोनों को सारी उम्र एक दूजे के बिना, जीना हैं...!
और अनुभव यहाँ तर्क नहीं काम करते है आग आग होती है और पानी, पानी। और अनुभव यहाँ तर्क नहीं काम करते है आग आग होती है और पानी, पानी।
धारण कर ले गुरु को उर में, जो भव रोग से मुक्त कराएगा।। धारण कर ले गुरु को उर में, जो भव रोग से मुक्त कराएगा।।
देव थोड़ी सी हवा दे दे बगावत को हर किसी के ज़हन में तूफान कैद है। देव थोड़ी सी हवा दे दे बगावत को हर किसी के ज़हन में तूफान कैद है।
तुम ही मेरे बंधु ,सखा हो, तुम ही मेरे जीवन का आधार।। तुम ही मेरे बंधु ,सखा हो, तुम ही मेरे जीवन का आधार।।
चमत्कार का राग अलापते रहिए पाने से ज्यादा खोते रहिए। चमत्कार का राग अलापते रहिए पाने से ज्यादा खोते रहिए।
मजलूमों की कस्ती के लिए कोई साहिल क्यों नहीं ? मजलूमों की कस्ती के लिए कोई साहिल क्यों नहीं ?
मन को खोले, भविष्य के लिए संचित न करें ... अभी खबर आयी .. कहीं बादल फटा ... मन को खोले, भविष्य के लिए संचित न करें ... अभी खबर आयी .. कहीं बादल फटा ...
जो समझ मुझे सकता नहीं, उसे सफाई क्यों दूँ जिसका लौटना नामुमकिन है, उसकी दुहाई क्यों दू जो समझ मुझे सकता नहीं, उसे सफाई क्यों दूँ जिसका लौटना नामुमकिन है, उसकी दुहाई...
धन, दौलत, सामर्थ्य की आड़ में फूले नहीं समाते हैं, धन, दौलत, सामर्थ्य की आड़ में फूले नहीं समाते हैं,
देता है तू भक्तों को हर वक्त सहारा ओ मेरे लड्डू गोपाल देता है तू भक्तों को हर वक्त सहारा ओ मेरे लड्डू गोपाल
सबका बेड़ा पार करो, हे विष्णु अवतारी धरा पर आ जाओ। सबका बेड़ा पार करो, हे विष्णु अवतारी धरा पर आ जाओ।
अब मुझे दुनियाँ से कुछ भी नहीं छुपाना। अब मुझे दुनियाँ से कुछ भी नहीं छुपाना।
झूठ का बखान करते मनुज की विज्ञापन वाणी लिखूं।। झूठ का बखान करते मनुज की विज्ञापन वाणी लिखूं।।
रिश्तों को मेहरबानियों के बोझ तले अच्छे से दबाते हैं। रिश्तों को मेहरबानियों के बोझ तले अच्छे से दबाते हैं।
हर मुश्किल में साथ निभाते हैं, वो शिक्षक कहलाते हैं, हर मुश्किल में साथ निभाते हैं, वो शिक्षक कहलाते हैं,