STORYMIRROR

मनीष शर्मा "मनु"

Classics Inspirational Others

4  

मनीष शर्मा "मनु"

Classics Inspirational Others

नूर ए इलाही

नूर ए इलाही

1 min
243

खुदा का नजरे कर्म जब हम पर होगा

ताब ए करिश्मा तब हम दम पर होगा


आबेहयात घुलेगी जीवन की मधुशाला में

नूर ए इलाही का फरमान जब जारी होगा


जीने को तो जी रहे हैं हम नूर के बिना

मगर हमको यकीन हैं रब बेनूर नही होगा


उसकी खोज में भटकता हैं जो यहां से वहां

उससे उसका रब कभी दूर नही होगा


मुझको भी यकीन हैं तूझ पर ओ मेरे मौला

कभी तो मैं भी बनूँगा शबनम से शोला।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics