शब्दों मे एक महक होती है लिखे तो महके पढे जो बहके
मैं इन पर परचम लहराऊँ बस इतनी हैं मेरी आरजू मैं इन पर परचम लहराऊँ बस इतनी हैं मेरी आरजू
कभी तो मैं भी बनूँगा शबनम से शोला। कभी तो मैं भी बनूँगा शबनम से शोला।
तभी हम कोरोना को हराकर, हँसी खुशी ये जीवन बीता पायेंगे। तभी हम कोरोना को हराकर, हँसी खुशी ये जीवन बीता पायेंगे।
वो माँ की तरह सुंदर तो नही ,मगर सुंदरता की मूरत है वो मेरी बडी बहिन है "मनु" ,मेरी माँ वो माँ की तरह सुंदर तो नही ,मगर सुंदरता की मूरत है वो मेरी बडी बहिन है "मनु" ,म...
मेरे शहर इक खत था आया जो मुझसे टकरा गया बिन देखे ही हाल ए दिल तेरा मुझको समझ आ गया! मेरे शहर इक खत था आया जो मुझसे टकरा गया बिन देखे ही हाल ए दिल तेरा मुझको समझ आ ...
मिलेगी प्यार की सौगात इस शहर के लोगो से मिलेगी प्यार की सौगात इस शहर के लोगो से
मैं अपनी हार पर मुस्कुराता रहा मैं अपनी हार पर मुस्कुराता रहा
यह मिट्टी का मटका भी अमृत कलश बन जाता है। यह मिट्टी का मटका भी अमृत कलश बन जाता है।
तभी एक आवाज मेरे कानों में आती है अजी सुनते हो कपड़े धोना भी बाकी है। तभी एक आवाज मेरे कानों में आती है अजी सुनते हो कपड़े धोना भी बाकी है।
माँ मेरी मुक्ति माँ मेरी भक्ति माँ ही जीवनदान। माँ मेरी मुक्ति माँ मेरी भक्ति माँ ही जीवनदान।