आत्मघात
आत्मघात
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किया जो
तुमने
दूर खुुद से
खुशी ज़रा सी
ज्यादा है,
टूटा दिल
टूटा वादा
मानव शतरंज का
प्यादा है,
आंख खुली तो
पता चला कि
जिंंदा हैै तो
धोखा है
मुर्दा हैैैै तो
सौदा है,
नहीं रहा कुछ
पारिवारिक
हुआ है सब
कुछ आम,
न कोई नाम
न कोई साथ
हुआ सबूत
भी घायल है,
न परमात्मा
न धर्मात्मा
आत्मा भी
आत्मघाती है॥