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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Classics Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Classics Inspirational

आना सार्थक हो जाएगा

आना सार्थक हो जाएगा

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शारदे मां से पाकर उपहार,

करके शुभ ज्ञान का प्रसार।

आना सार्थक हो जाएगा

इस संसार में।

वरना जीवन गुजर जाएगा,

सारा बेकार में।


इस जगत में हर दिन

कितने लोग आते हैं।

किस लिए आए हैं इस जगत में,

आ के भूल जाते हैं।

शारदे मां से पाकर के ज्ञान,

याद रहता है संसार में।

लग जाता है जीवन फिर,

जग के उद्धार में।


शारदे मां से पाकर उपहार,

करके शुभ ज्ञान का प्रसार।

आना सार्थक हो जाएगा

इस संसार में।

वरना जीवन गुजर जाएगा,

सारा बेकार में।



यही कहते हैं ग्रंथ सारे,

पुण्य से मिलता है नर तन ये प्यारे।

हित में जग के लगा करके इसको,

हम सभी अपना जीवन संवारें।

बचाकर रखें यत्न से हम,

हर बुराई से संसार में।

दूर नफ़रत से रहें हम सदा ही,

और लगाएं इसे प्यार में। 


शारदे मां से पाकर उपहार,

करके शुभ ज्ञान का प्रसार।

आना सार्थक हो जाएगा

इस संसार में।

वरना जीवन गुजर जाएगा,

सारा बेकार में।


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