Ms. Nikita

Classics Inspirational Others

4.5  

Ms. Nikita

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सहकर्म

सहकर्म

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मानव जीवन अनुयायी है

ठोकर उसने जब खाई है


न वह सिमटा, न वह टूूटा

साहस उसका अपार है

न उसने लूटा, न वह लुटा

सीमाओं का उस पर भार है


उसकी सहमति पल-छिन्न में है

उसकी तरक्की जीवन में है


न वह जोगी, न परमयोगी

वह तो अतुल्य कर्मकार है

उसकी अनुभूति परकल्याणी

उसकी स्वाति साकार है


सहकर्म का उस पर प्रभाव है

तथैव उसका स्वप्न करूणानिधार है।


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