STORYMIRROR

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Classics Inspirational

4  

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Classics Inspirational

नया साल

नया साल

1 min
371

नये इरादे नई उमंगें नया जोश फिर लाया है

नया साल फिर से सबकी तकदीर बदलने आया है


जब तक मंजिल ना मिले, चलते ही रहना है 

सफल सभी लोगों का, मेहनत ही गहना है 

खुशहाली का दीप जलाने सूरज फिर से आया है 

नया साल फिर से सबकी तकदीर बदलने आया है 


देखो मस्त बहारें क्या, प्रेम संदेसा लाई हैं 

खोल खजाना खुशियों का, कलियां भी हरषाई हैं 

हिम्मत के नन्हे कदमों ने ये आकाश झुकाया है 

नया साल फिर से सबकी तकदीर बदलने आया है ।। 


रस्ते में आयेगी आगे, झूठ की एक दुकान 

लोग बनाते हैं यहां, षडयंत्रों के मकान 

विजयी हुआ है वही जो अपने लक्ष्य से डिग नहीं पाया है 

नया साल फिर से सबकी तकदीर बदलने आया है।। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics