नया साल
नया साल
नये इरादे नई उमंगें नया जोश फिर लाया है
नया साल फिर से सबकी तकदीर बदलने आया है
जब तक मंजिल ना मिले, चलते ही रहना है
सफल सभी लोगों का, मेहनत ही गहना है
खुशहाली का दीप जलाने सूरज फिर से आया है
नया साल फिर से सबकी तकदीर बदलने आया है
देखो मस्त बहारें क्या, प्रेम संदेसा लाई हैं
खोल खजाना खुशियों का, कलियां भी हरषाई हैं
हिम्मत के नन्हे कदमों ने ये आकाश झुकाया है
नया साल फिर से सबकी तकदीर बदलने आया है ।।
रस्ते में आयेगी आगे, झूठ की एक दुकान
लोग बनाते हैं यहां, षडयंत्रों के मकान
विजयी हुआ है वही जो अपने लक्ष्य से डिग नहीं पाया है
नया साल फिर से सबकी तकदीर बदलने आया है।।
