रामदुलारी का परिवार
रामदुलारी का परिवार
रामदुलारी अक्सर घर की राह भूल जाती है
अकेले ही अपने घर में रहती है
उनके घर में मृत्यु की गंध है
जो उनके परिवार के लहू से उत्पन्न होती है
वो अक्सर न्यायलय के बाहर भटकती है
अपने परिवार के हत्यारों के खिलाफ दंड की मांग करती है
न्यायलय के दरवाज़े उनके लिए बंद हैं
अक्सर वो डाकखाने के बाहर घूमती है
शायद किसी की चिट्ठी ही आ गयी हो?
यह ख्याल मन में बुनती है,
सब हार गयी पर हिम्मत नहीं
और उनके पास है ही क्या ?
रामदुलारी अक्सर रातों में कहीं गायब हो जाती है
रामदुलारी आईने में दिखाई नहीं देती
रामदुलारी भय से भी नहीं डरती
रामदुलारी के हाथ में लहू है
न्यायालय के बाहर अब दिखाई नहीं देती
सुना है उनकी मृत्यु हो गयी है
सुना है की हत्यारों की रहस्मयी रूप से हत्या हो गयी है
में कल डाकखाने गया था
रामदुलारी जी की चिट्ठी लेने
वो अब भी मुझसे बातें करती है
वो अब खुश हैं
वो दूर कहीं किसी बरगद के पेड़ पर रहती हैं
अपने परिवार के साथ !