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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Drama Horror Romance

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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Drama Horror Romance

मेरा श्रृंगार हो जाना

मेरा श्रृंगार हो जाना

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मेरे गीतों में ढल कर प्रिये आधार हो जाना

स्पंदित होके श्वासों में मेरा आभार हो जाना


थाम हाथों को मेरे मुझे हर पल सम्भालो जी 

दुनिया सराहे जो वो मेरा व्यवहार हो जाना


निराकारी स्वप्न मेरे कोई आकार चाहें अब 

स्वयं को ढाल साँचे में मेरा आकार हो जाना


कल्पनाओं में भला कब तक मिलेंगे हम 

कभी तो रूबरू प्रियतम सरोकार हो जाना


नम नयना बुझा चेहरा मेरा जब देख लेना 

मेरी खुशियों की ख़ातिर तुम त्योहार हो जाना


बेअसर हो सारे मौसम अरु कोशिशें तो 

सिहर जाऊँ प्रफुल्लित हो वो बयार हो जाना


सोलह श्रृंगार भी तेरे बिन रंगत नहीं देते 

निज नेह से निखार कर मेरा श्रृंगार हो जाना।


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