।।नमन पुलवामा के वीरों।।
।।नमन पुलवामा के वीरों।।
कहना आज बहुत कुछ है।
पर लब्जों में ख़ामोशी हैं।
आज के दिन हमने खोए थे।
चालीस वीरों के शव पर रोए थे।
इससे बड़ा दर्द और क्या होगा।
जब माॅ॑ का दिल छलनी हुआ होगा।
आँखें भर आईं थीं दुनिया में सबकी।
सब का दिल रोया था अबकी।
शायद आसमान भी रोया होगा।
जब भारत ने वीरों को खोया होगा।
अब कैसे उस माॅ॑ के हाल बताऊॅ॑।
कैसे उस बहना को समझाऊॅ॑।
शोभित था जिसके सिंदूर माॅ॑ग में,
क्या कह के उसको समझाऊॅ॑।
वो वीर थे हुए शहीद वतन कि लाज के लिए।
डिगे नहीं कदम फिर भी वतन की शान के लिए।
देदी कुर्बानी जान की अपने देश के लिए।
सब कुछ न्योछावर कर दिया देश के लिए।
कुछ दरिंदों के विश्वासघात का शिकार हो गए
मेरे अपने वीर आज हमसे दूर हो गए।

