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Meenakshi Bansal

Horror Tragedy Action

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Meenakshi Bansal

Horror Tragedy Action

बदला.....

बदला.....

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रात थी काली, थीं काली घटाएं,

लड़की के चेहरे पर लंबी जटाएं।

होंठ थे सुर्ख और तिरछी निगाहें।

जो देखे उसे तो भरे वो आहें।।

    सड़क थी खाली, सफेद थी साड़ी

    भोले से लड़के ने, रोकी थी गाड़ी,

     बैठी फिर गाड़ी में, लड़की सयानी

    करना चाहती थी, अपनी मनमानी।

 नदी के किनारे, लड़की यूं बोली,

अपने दिल के राज सारे खोली,

आई हूं श्मशान से,

दुनिया में काम से।

   काम करके जाऊंगी,

   तभी चैन पाऊंगी,

    भटक रही हूं, लूंगी मैं बदला,

   तभी मिलेगा, जन्म मुझे अगला।

मैं थी एक रानी, अपने मां बाप की,

ब्याही गई, मिली जिंदगी श्राप की,

पति था शराबी, नशेड़ी, कबाबी

छीन ली मुझसे गहनों की चाबी।

  मारा मुझे धक्का, बड़ा बेरहम था,

  इतने पर भी, गुस्सा नहीं कम था,

  खंजर निकाल कर, पेट में मारा,

   बह गया मेरा, खून था सारा।

बदला है लेना, साथ तेरा चाहिए,

काम मेरा हो जाय, तब आगे जाइए,

जो तुम करोगे मदद,  

मेरे पति को मिलेगा सबक,

    हम भी इंसान हैं,

     हम में भी दिल है,

      जो ये ना समझे 

      बड़ा बेदिल है।

  



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