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Meenakshi Bansal

Others

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Meenakshi Bansal

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खुशी के मायने

खुशी के मायने

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घंटियों की आवाज,

कानों में मिसरी घोल रही थी,

बिना कुछ कहे ही,

बहुत कुछ बोल रही है।

गिद्धों का मंडराता समूह,

रचें धरा पर चक्रव्यूह,

न करे बारी का इंतजार,

हर कोई नोचे बारम्बार।

आज मचा चहुं ओर हाहाकार,

भाई बंधु करे तकरार,।

हक का आज होगा युद्ध,

तन मन हो जाएगा शुद्ध,

मन शीतल ,तन पावन होगा,

ज्यों बारिश का सावन होगा,

मन मयूर तब नाचेंगे,

हृदय के घुंघरू बाजेंगे।

आएगी वो मधुर चांदनी,

जो अंखियों से झाकेगी,

अपने मन के मधुर तराने ,

मीठी धुन में बाचेगी।


   



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