नटवरलाल
नटवरलाल
एक थे मिस्टर नटवरलाल,
सिर पर उनके नहीं थे बाल,
एक दिन पहुंचे नाई के पास,
लिए मन में झूठा विश्वास।।
नाई बोला कहो कैसा है हाल,
आया कटवाने अपने बाल ।
बाल काट कर नाई बोला।
बंद करूं अब अपना झोला।
दे दो मुझको रुपए पचास।।
अब घर जाने की है आस।
नटवरलाल का सिर चकराया ,
नाई को तब बड़ा सुनाया।
बाल काटने के 10 हैं रुपए ,
इतना क्यों मांगे तू मुएं।
नाई ने तब बतलाया राम,
बाल ढूंढने के भी लगेंगे दाम।
सिर पर तेरे बाल नहीं है ,
नाई को क्यों दुखी किए है।
नटवरलाल को समझ ना आया,
नटवरलाल तब घर को आया।
