मैं और मेरी सेहत
मैं और मेरी सेहत
सेहत का नाम लेते ही
अपने ख्याल और बेबसी पर हंसी आई
सच कहूँ मित्रों आज
उन बीते दिनों की बड़ी याद आई
भोर के उजाले में सुन
मंदिर के घंटों की आवाज
पलंग तक छोड़ देता था साथ
दूर से सुर से सुर मिलाते
खेत खलियानों से
बैलों की घंटी देती थी साथ
वो मक्के की रोटी सरसों का साग
मां के हाथ का बासी सोगरा ,मक्खन साथ
सर्दी, गर्मी हो या बारिश
अखाड़े का जमाव
ना कभी आने देता बीमारी साथ
वो दूध की मोटी मलाई ,बादाम हलवा
सारे विटामिन मिलते थे एक साथ
पर खाया जबसे पिज़्ज़ा बर्गर
फेंटा कोक मोकटेल के साथ
पाये नायाब तोहफे
दिल घुटना जोड़ों के दर्द एक साथ
अब फिजियोथैरेपिस्ट के साथ
वॉकर स्टिक बेल्ट ऐसे पूजे जाते
जैसे हो सर पर रब का हाथ
इस रोज रोज की चाकरी से
घरवालों ने जोड़े दोनों हाथ
बेचारी किस्मत
इनके प्रसाद दुआ से
शायद फिर भी तर जाते
पर क्या करें
व्हाट्सएप फेसबुक इंस्टाग्राम का
जो नित नई सलाह दे जाते
हम भी ठहरे पक्के ढीठ
जीरो फिगर बनाने के चक्कर में
रोज इन्हें आजमाते
सोचते दाल रोटी बनाना चप्पल घिसना
ये भी कोई जीवन है
जिम पार्लर का लंबा खर्रा
चार चक्के की सैर यही असली जीवन है
बस फिर क्या था
फ्रूट जूस वाइटमिन खाकर
तन की ताकत छिनवा डाली
हुए गोरे से काले टक्कल मोटा चश्मा
यही अपनी पहचान बना ली
जाती रौनक देख दिल घबराया
लिया लेप पाउडर क्रीम का सहारा
अब दर्द -ए- बयां किससे कैसे
क्या करूं सुबह से शाम लेना पड़ता है
आईने का सहारा