जीवन चदरिया
जीवन चदरिया


चादर बड़ी अनमोल
दिनों दिन हो रही कमजोर
कर्मों के ताने-बाने से
अनुभव के लाल पीले रंगों से
ख्वाब सजाओ इंद्रधनुषी
कर लो मुट्ठी में उर्जा सूरज सी ।
जीवन चंद सांसों का मेला
रिश्तो का यहां खेला
हम सब कठपुतली
नाम अलग पर सोच अकेली
होते हैं रिश्ते बेशकीमती
नाजुक वक्त में करें प्रयास
सजगता से लाएं संबंधों में मिठास
सहेज रखें, सीखते रहें, प्रतिपल प्रतिरस!
जीवन रेल पटरी
पता नहीं किसे कैसे कहां ले जाए
ना गति ना डगर एक जैसी आसान
सचेत रहें ,सजग रहें ,
मिलेंगे सच्चे झूठे हम सफर
लंबा सफर छूटती जिंदगानी
किए
बिना रहना नहीं मनमानी !
जीवन की रस धारा में
ऊंची नीची लहरें
शांति का सरगम धैर्य का गान
नित नई रागिनी संगीत मन भावनी
कभी धूप, कभी बरखा की झड़ी
कभी दामिनी मेघों के बीच खड़ी
धुंध का छाता
विचारों की धरती पर ठहरता
प्रयास यही प्रयत्न हो प्रबल
जीवन बने सुरभित उपवन !
जीवन बेला का मंत्र यही
हस्ती एक बंधन अनेक
अलग-अलग सब मूर्तियां
अलग-अलग उनका रवैया
मंजिल धुंधली रास्ते दुर्गम
फिर भी ना हो हताश
रख बुलंद हौसले औ विश्वास!
अड़े रहो डटे रहो चलते रहो
यायावर बनकर चल नई डगर
विचारों में कर नया सृजन
प्रतिपल हो अग्रसर कर मधु सिंचन!