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ViSe 🌈

Others

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वो लेखक है और कवि भी

वो लेखक है और कवि भी

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वो सजग है और एकल भी, 

अथक, पृथक और विकल भी,  

वो शिथिल है और बेबस भी, 

 वो अचिंत है और चैतन्य भी, 

 विह्वलता से उजागर और धूमिल भी,  

वो एक लेखक है और कवि  भी।  

वो सचेत है पर मदहोश भी,  

वो भयभीत है पर निडर भी , 

वो भावनात्मक है और मार्मिक भी,  

नास्तिक भी और धार्मिक भी , 

 कोई तेज नहीं उसकी छवि में , 

कोई लेखक है और कवि भी।  

वो कृतज्ञ है और बाधित भी , 

कर्तव्य से दुखी पर सुखी भी , 

वो सर्वस्व है और सिफर भी , 

वो तामस है और रवि भी , 

वो लेखक है और कवि भी।  

वंचना वेदना विलाप भी , 

वो साज़ नाद और अलाप भी , 

 वो प्रेमी है और शत्रु भी , 

वो आडंबर है और यथार्थ भी , 

वो फ़क़ीर है और धनद भी , 

स्थिति जिसकी एक नहीं , 

वो लेखक है और कवि भी।  

मैं लेखक हूँ और कवि भी।  



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