रह -रह के मुठियाँ जोश से भर रहीं है क्रोध बड़ा, मत इतना ताप दो। रह -रह के मुठियाँ जोश से भर रहीं है क्रोध बड़ा, मत इतना ताप दो।
घृणा- द्वेष मिटाकर आओ हम सबको गले लगाएँ घृणा- द्वेष मिटाकर आओ हम सबको गले लगाएँ
हैसियत देख कर इधर हिस्सेदारी बनती है।। पुस्तेनी माल मकाँ जमीं छलावे में छीन गये।। हैसियत देख कर इधर हिस्सेदारी बनती है।। पुस्तेनी माल मकाँ जमीं छलावे में...
मैं विश्वास का आधार हूँ मैं श्रद्धा अपार हूँ तुम मानो या न मानो मैं तुम सी चालाक नहीं हूँ। मैं विश्वास का आधार हूँ मैं श्रद्धा अपार हूँ तुम मानो या न मानो मैं तुम सी चा...
करता नित्य सामूहिक अलाप निधन रूदाली करता नित्य सामूहिक अलाप निधन रूदाली
जो मिल नहींं सकता उसके पीछे यूँ भागो नहीं । जो मिल नहींं सकता उसके पीछे यूँ भागो नहीं ।