सुप्रभात
सुप्रभात
सुबह की सुंदर बेला में मत करो तुम अलाप,
सुबह उठकर नित कर्म को करो बोलो सुप्रभात,
घृणा- द्वेष मिटाकर आओ हम सबको गले लगाएँ ,
हर जरूरतमंद की कुछ तो हम काम आएं,
ऐसा कुछ हम कर जाएं ।
सुबह की प्रात: बेला में मत करो अलाप,
खुद पे आस्था रखते हुए प्रारंभ करो तुम अपना क्रियाकलाप।