प्रेम ही पूजा
प्रेम ही पूजा
प्रेम ही पूजा
प्रेम ही ईश्वर है
क्या खबर है ?
अद्भुत मन
भावना का सावन
प्रेम पावन।
अधूरी प्यास
रुह की अरदास
प्रेमी हो पास।
अपूर्ण मन
खिले प्रेम यौवन
मनोभावन।
दिली राहत
है प्रेम इबादत
प्रभु चाहत।
प्रेम ही पूजा
प्रेम ही ईश्वर है
क्या खबर है ?
अद्भुत मन
भावना का सावन
प्रेम पावन।
अधूरी प्यास
रुह की अरदास
प्रेमी हो पास।
अपूर्ण मन
खिले प्रेम यौवन
मनोभावन।
दिली राहत
है प्रेम इबादत
प्रभु चाहत।