खिलौना
खिलौना
बचपन के खिलौने सबको भाते
खिलौने कितने बाज़ार से लाते..
बच्चों का प्यारा साथी-संगी
खिलौना पाकर बच्चे रंगीं..
रंग बिरंगे विभिन्न प्रकार के
रूप अनोखे नव अवतार के..
खिलौने खेल बच्चे मुस्काते
हैं भिन्न भिन्न के खेल रचाते..
यौवन दौर में बदले खिलौने
तोड़े-जोड़े दिल लोग सलोने...
पुरुष स्त्री को खिलौना समझें
छेड़े-कांटें-नोचे-भोगकर पटकें..
नारी नहीं खिलौना कोई जानो
जीवन इसमें भी है पहिचानो..
नेह, ममता, शक्ति की मूरत
प्रेम की देवी हर स्त्री की सूरत..