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Jaypoorna Vishwakarma

Drama

3  

Jaypoorna Vishwakarma

Drama

नदि की कहानी

नदि की कहानी

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मैं नदी मेरा निर्मल जल मेरी कहानी 

कण-कण में मैं हूं मेरा जीवन पानी 

पर्वत हिमगिरी से ले सागर तक 

मैं धाराप्रवाह निरंतर बहती रहती 


पथ प्रदर्शन कर हर राह से  

मैं आह भर हर कंकड़, पत्थर से टकरा 

नित्य प्रतिदिन निकलती रहती

मैं गंगाजल, मैं चनामृत मेरा जल अमृत  


पूजा पाठ विधि विधान सबमें मेरा काम 

मुझ बिन संभव नहीं यह जिंदगानी 

मैं जीवन हूं मैं मृत्यु हूं मैं ही 

अमरत्व प्रदायनी है अमर मेरी कहानी 


सर-सर कर में बहती रहती 

नदी, नहर, खेत-खलिहान 

हरा भरा रहे यह धरती सारी

तब सार्थक है मेरा बहना 


जीवन देना नित्य मेरा काम 

मुझसे ही शुरु जीवन की हर कहानी

है मेरा जीवन बस पानी

मैं यमुना, सरिता, क्षिप्रा, प्रवाहिनी


कई नामों से मेरा बखान

शिलाखण्ड के अन्तराल से मैं उत्पन्न 

बहती मधुर संगीत के स्वर में 

लहराती बलखाती मैं ही हूं बर्फानी

है आदि से अंत तक अमर मेरी कहानी


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