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Rashmi Lata Mishra

Drama

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Rashmi Lata Mishra

Drama

बाल कौतूहल

बाल कौतूहल

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दुनियादारी से रहें अनजान

कौतूहल युक्त बाल मनोविज्ञान।

प्रश्न है उसकी अटपटे महान,

पूछता कहां पर रहती है जान ?


कभी पूछे सूरज उगता ही क्यों ?

कभी पूछे तारे चमकते हैं क्यों ?

मृत्यु शोक मनाते हैं क्यों ?

त्योहार रोज ना आते हैं क्यों ?


पापा नहीं शादी पर बुलाया क्यों नहीं ?

उनकी शादी वाली फोटो पर

मैं आया क्यों नहीं ?

रोज-रोज है वर्क जरूरी क्यों है ?


पढ़ना ही मेरी मजबूरी क्यों है ?

क्यों न खुलकर मैं खेल पाता हूं ?

खेलों कम डा ज्यादा खाता हूं।


मोबाइल उठाया तो मम्मी ने डांटा,

टीवी चलाई तो पड़ गया चांटा।

मैं क्या करूँ ? क्या न करूँ ?


बहुत हूँ हैरान, कब हो मेरी,

समस्या का समाधान ?

पूछे बाल मनोविज्ञान।


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