बाल कौतूहल
बाल कौतूहल
दुनियादारी से रहें अनजान
कौतूहल युक्त बाल मनोविज्ञान।
प्रश्न है उसकी अटपटे महान,
पूछता कहां पर रहती है जान ?
कभी पूछे सूरज उगता ही क्यों ?
कभी पूछे तारे चमकते हैं क्यों ?
मृत्यु शोक मनाते हैं क्यों ?
त्योहार रोज ना आते हैं क्यों ?
पापा नहीं शादी पर बुलाया क्यों नहीं ?
उनकी शादी वाली फोटो पर
मैं आया क्यों नहीं ?
रोज-रोज है वर्क जरूरी क्यों है ?
पढ़ना ही मेरी मजबूरी क्यों है ?
क्यों न खुलकर मैं खेल पाता हूं ?
खेलों कम डा ज्यादा खाता हूं।
मोबाइल उठाया तो मम्मी ने डांटा,
टीवी चलाई तो पड़ गया चांटा।
मैं क्या करूँ ? क्या न करूँ ?
बहुत हूँ हैरान, कब हो मेरी,
समस्या का समाधान ?
पूछे बाल मनोविज्ञान।
